मुस्लिम थे। उनका नाम था सर सैयद अहमद खान। जी हां, वही सर सैयद अहमद जिन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की स्थापना की थी।
पिछले जन्म के सर सैयद अहमद और इस जन्म के नरेन्द्र मोदी की शक्ल-सूरत, दाढ़ी और आंखें ही एक जैसी नहीं हैं बल्कि उनके जीवन की घटनाएं भी चौंकाने वाली हद तक एक जैसी हैं। यह दावा किसी सिरफिरे ने नहीं किया है बल्कि अमेरिका में सैनफ्रांसिस्को स्थित इंस्टीट्यूट फॉर दी इंटीग्रेशन ऑफ साइंस, इंस्टीट्यूशन एंड रिसर्च (आईआईएसआईएस) ने किया है।
मोदी इस जन्म में अभूतपूर्व ढंग से पूरे भारत को अपने पक्ष में करने में कामयाब हुए और अगर पूर्व जन्म शोधवेत्ताओं का दावा सही माना जाए तो मुसलमानों में एकता की अलख जगाकर और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की स्थापना करके उन्होंने पिछले जन्म में भी कुछ ऐसा ही काम किया था।
आईआईएसआईएस ने एक शोध में पिछले जन्म में नरेन्द्र मोदी क्या थे? इस पर काम करने के लिए विश्वविख्यात पुनर्जन्म वैज्ञानिक केविन रियर्सन की सेवाएं लीं। केविन ने मिस्र के अहतुन रे नामक माध्यम की सहायता से मालूम किया कि पिछले जन्म में नरेन्द्र मोदी ने सर सैयद अहमद खान के रूप में दुनियाभर के मुसलमानों की एकता, शैक्षिक प्रगति और अधिकारों के लिए काफी काम किया।
वे तब भी दाढ़ी रखते थे और उनका स्वरूप आज जैसा ही हुआ करता था। उल्लेखनीय है कि सर सैयद अहमद खान ने ही यह अभियान चलाया था कि मुसलमानों को आधुनिक तालीम दी जानी चाहिए और लड़कियों को भी पढ़ाना चाहिए। उन्होंने ही बाद में यह विचार दिया कि मुसलमानों का भला एक पृथक राष्ट्र के गठन के बाद ही मुमकिन है। यही विचार अंतत: पाकिस्तान के गठन का कारण बना। आईआईएसआईएस अनेक नामचीन शोध वैज्ञानिकों और परामनोविश्लेषकों की मदद से विज्ञान, पूर्वाभास और पुनर्जन्म समेत अनेक विषयों पर पिछले 30 साल से काम कर रही है और पूरी दुनिया में इसके लाखों समर्थक हैं। यह जानकर हैरत नहीं होनी चाहिए कि हर देश, धर्म और काल खंड में मृत्यु के बाद की दुनिया, पूर्व जन्म और पुनर्जन्म को मानने वाले करोड़ों लोग मौजूद हैं। आईआईएसआईएस की अपनी वेबसाइट पर पुनर्जन्म, पूर्वाभास और इससे जुड़े अनेक रोचक रहस्यों पर सप्रमाण बेशुमार जानकारी उपलब्ध है। दुनियाभर के इन विषयों के जानकार लेखक और विशेषज्ञ इससे जुड़े हैं। सैकड़ों अन्य कामयाब लोगों के बारे में किए गए शोध अध्ययनों में ऐसा ही धर्मांतरण पाया गया है। सिर्फ एक बात सामान्य रही है कि कुदरत ने किसी को कुछ भी बनाकर इस दुनिया में वापस भेजा, मगर उसकी पिछले जन्म की काबिलियत नहीं छीनी।
पुनर्जन्म पर शोध के बाद अमेरिकी मनोवैज्ञानिक और वर्जीनिया विश्वविद्यालय के विख्यात प्रोफेसर डॉ. इयान स्टीवेंसन ने लगभग 3,000 पुनर्जन्मों की पुष्टि की। उनके इन अध्ययनों पर भी पुस्तकें छपीं। पुनर्जन्म के बारे में स्थापित और विश्वस्तर पर मान्य सिद्धांतों के मुताबिक पुनर्जन्म लेने वालों में पूर्व जन्म की यादें, पूर्व जन्म की आदतें और दिलचस्पियां, शरीर पर पूर्व जन्म जैसे निशान, खानपान की रुचियां और सबसे बढ़कर पूर्व जन्म जैसा ही चेहरा- मोहरा हुआ करता है.
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for more detail you can search on google:- Reincarnation Case of narendra modi
You can find the source here http://www.iisis.net/index.php?page=syed-ahmad-khan-reincarnation-narendra-modi-past-life-kevin-ryerson-walter-semkiw&hl=en_US
बहुत यद तक जानकारी अच्छी है।
जवाब देंहटाएंBAKWAS HAI YE ,
जवाब देंहटाएंमात्र एक फूहड़ मजाक है और कुछ नही .. अगर नरेंद्र मोदी से मिलते जुलते चेहरे वाला कोई और मनुष्य सामने आ जाये तो क्या कहेंगे ये लोग
जवाब देंहटाएंह्ह्ह्हह्हह्ह्ह बेवकूफ
जवाब देंहटाएंयार मजाक की भी हद होती है लेकिन ऐसे भी कोई मजाक करता है।बेवकूफ और लूनाटिक
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